अध्ययन-अध्यापन की सभ्य परंपरा का प्रतीक है महारानी महाविद्यालय – राजीव अरोड़ा
जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय का संगठक महारानी महाविद्यालय अध्ययन-अध्यापन और शिक्षक-शिक्षार्थी की सभ्य परंपरा का प्रतीक है। यहाँ की छात्राओं और शिक्षिकाओं ने राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की है। राजस्थान विश्वविद्यालय के महारानी महाविद्यालय यह कहना है राजस्थान लघु उद्योग निगम के चेयरमैन राजीव अरोड़ा का। जयपुर के महारानी महाविद्यालय में आयोजित हुए शिक्षक दिवस समारोह में राजीव अरोड़ा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए, तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजीव जैन द्वारा की गई।
इस अवसर पर महाविद्यालय में शिशु गृह 'वात्सल्य' वूमन वेलनेस सेल व न्यूट्रिशन सेन्टर 'मैत्री' का उद्घाटन भी राजीव अरोड़ा द्वारा किया गया। राजीव अरोड़ा ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि देश और प्रदेश के श्रेष्ठ महिला शिक्षण संस्थानों में से एक महारानी कॉलेज की छात्राओं ने राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर विभिन्न आयाम छुए हैं। यहाँ सेंटर फॉर न्यूट्रीशन साइंस की स्थापना से छात्राएं अब एक और उपयोगी विषय का अध्ययन एवं शोध कर सकेगी। इसी के साथ पालना गृह (Creche) का लोकार्पण इस संस्थान को महिलाओं के और अधिक अनुकूल बनाएगा।
महिलाओं व बालिकाओं के समावेशी विकास की दिशा में राजस्थान सरकार के कार्यों का उल्लेख करते हुए अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने महिलाओं के उत्थान के लिए अनेक कदम उठाए हैं। उड़ान योजना, निःशुल्क शिक्षा, बस टिकट में 50% छूट आदि उनमें से कुछ महत्वपूर्ण हैं। छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए अरोड़ा ने कहा कि छात्राओं को अपनी सोच का दायरा बढ़ाना चाहिए और निरन्तर अपने स्वप्न को पूरा करने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए।
इस अवसर पर महारानी महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. निमाली सिंह, समाज विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रो. एस. एल. शर्मा, उप-प्राचार्या प्रो. संगीता भार्गव, प्रो. गरिमा सक्सेना, डॉ. सरिता कुमारी, डॉ. चन्द्राणी सेन, चीफ रेक्टर डॉ. तारावती मीना, शिक्षक व छात्राएँ उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुति दी।
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