सोडाला हाई सिक्योरिटी थाने में 20 हज़ार रुपये की रिश्वत लेते उप निरीक्षक गिरफ़्तार
सोडाला हाई सिक्योरिटी थाने में शुक्रवार को एसीबी ने जयपुर में एक भ्रष्ट पुलिस अधिकारी को घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया. मामला जयपुर के सोडाला थाने का है.उल्लेखनीय है कि एसीबी की टीम ने जयपुर के जिस सोडाला थाने से घूसखोरी के मामले में पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार किया, उसी थाने में गोगामेड़ी हत्याकांड के दो आरोपियों से एनआईए की टीम पूछताछ कर रही है. इस पूछताछ को लेकर पूरे थाने को चारों तरफ से पर्दे लगाकर ढका गया है. थाने में जाने वाले हर व्यक्ति से पूछताछ की जाती है. इन सब के बीच एसीबी ने सब इंस्पेक्टर अशोक मीणा को 20 हजार रुपए घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद आरोपी पुलिस अधिकारी से पूछताछ की जा रही है. साथ ही उसकी संपत्ति की छानबीन के लिए उसके घर और अन्य ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है.
गोगामेड़ी हत्याकांड के आरोपियों से पूछताछ के चलते सोडाला थाने को हाई सिक्योरिटी थाना बनाया गया है अब सवाल यह उठता है कि परिवादी 20 हज़ार रुपया की रिश्वत देने आसानी से वहाँ कैसे पहुँचा क्या यह सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं है
कार्रवाई के बाबत एसीबी की ओर से जारी प्रेस नोट में बताया गया कि एसीबी को परिवादी ने शिकायत दी थी की एसआई अशोक मीणा थाने में दर्ज एक मुकदमे में मदद करने के लिए रुपए की डिमांड कर रहा है. इसके बाद ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया गया. जब पुलिस अधिकारी ने परिवादी से पैसे लिए, उसी समय एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथों दबोच लिया.
केस में पैरवी करने के लिए ले रहा था घूस
मामले की जानकारी देते हुए डीएसपी नीरज गुरनानी ने बताया कि पुलिस अधिकारी के घूसखोरी मामले की शिकायत करने वाले परिवादी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज है. इसकी जांच सब इंस्पेक्टर अशोक मीणा कर रहा था. केस में मदद करने के लिए आरोपी एसआई ने परिवादी से 20 हजार रुपए की डिमांड की थी. लेकिन परिवादी ने जब पैसा देने में आनाकानी की तो एसआई ने पैसों के लिए उसे धमकाना शुरू कर दिया. अशोक मीणा गिरफ्तार करने की धमकी देता था.
26 मार्च को एसीबी के पास की गई थी शिकायत
ऐसे में तंग आकर परिवादी ने 26 मार्च को एसीबी मुख्यालय में शिकायत की. एसीबी के अधिकारियों के निर्देश पर शिकायत का सत्यापना कराया गया. मामला सही होने पर आज कार्रवाई को अंजाम दिया गया. बताया गया कि जब एसीबी की टीम थाने पहुंची, उन्हें गेट पर खड़े कमांडो ने रोक लिया. कुछ देर बाद आरोपी एसआई ने फोन करके परिवादी को थाने बुलाया.
पहचान छिपाकर पहुंचे थे एसीबी अधिकारी
शिकायतकर्ता को थाने में जाने से पहले एसीबी ने उसे समझा दिया था कि पैसा उनकी मौजूदगी में देना है. इसके बाद परिवादी थाने में पहुंचा. फिर एसआई अशोक मीणा द्वारा पैसे की मांग करने के बाद उसने कहा कि पैसा दूसरे व्यक्ति के पास है. उसे बुला लेता हूं. इस पर एसीबी के अधिकारी थाने के अंदर पहुंचे. ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया. एसआई से थाने में एसीबी की टीमें अभी पूछताछ कर रही है। वहीं, एसीबी की एक टीम एसआई अशोक मीणा के घर और अन्य जगहों पर सर्च कर रही है.
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