पुलिसकर्मियों की वर्षों से लंबित मांग पूरी,अब पुलिस में परीक्षा से नहीं डीपीसी से पदोन्नति

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पुलिसकर्मियों की वर्षों से लंबित मांग पूरी,अब पुलिस में परीक्षा से नहीं डीपीसी से पदोन्नति

पुलिसकर्मियों ने मुख्यमंत्री व डीजीपी का किया आभार व्यक्त

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पुलिसकर्मियों की हेड कांस्टेबल से निरीक्षक तक होने वाली पदोन्नति परीक्षा की बजाय अन्य सेवाओं की तरह वरिष्ठता के आधार पर करने की घोषणा से पुलिस कर्मियों में भारी हर्ष की लहर व्याप्त है। पुलिस मुख्यालय, कमिश्नरेट व जिलों में भी पुलिस कर्मियों ने अपने अधिकारियों व एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी जाहिर की। 

महानिदेशक पुलिस उमेश मिश्रा को मिठाई खिलाकर कॉन्स्टेबल, हेड कॉन्स्टेबल व एएसआई की स्टॉफ कॉउंसिल के सदस्यों व मुख्यालय के पुलिसकर्मियों ने इसके लिए आभार व्यक्त किया।

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उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हेड कांस्टेबल से निरीक्षक तक होने वाली पदोन्नति वरिष्ठता के आधार पर विभागीय पदोन्नति समिति के माध्यम से करने की घोषणा की थी । इसके लिए राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियमों में बदलाव के लिए पुलिस मुख्यालय ने सरकार को प्रस्ताव भिजवाया। इन प्रस्तावों के अनुसार सेवा नियमों में पदोन्नति के लिए योग्यता परीक्षा के प्रावधान को संशोधित कर वरिष्ठता को आधार माना जाएगा। इसी आधार पर सेवा रिकॉर्ड व आचरण के मापदंड पर खरे उतरने वाले पुलिसकर्मियों को रिक्त पदों पर पदोन्नत किया जाएगा।

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अब तक कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल से सहायक उपनिरीक्षक व उपनिरीक्षक से निरीक्षक पद पर परीक्षा पास करने वाले पुलिसकर्मियों को पदोन्नति के साथ ट्रेनिंग सेंटर में भेजा जाता है एवं ट्रेनिंग के आधार पर इनडोर व आउटडोर परीक्षा को पास करना जरूरी होता है।

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 मिश्रा ने कहा कि वरिष्ठता अनुसार पदोन्नतियां होने से सभी पुलिसकर्मियों को पदोन्नति का वरिष्ठता अनुसार लाभ मिलेगा। इससे पुलिस कर्मियों में मनोबल पड़ेगा और कार्य क्षमता में वृद्धि होगी। पदोन्नतियों के सम्बंध में न्यायालय में होने वाले अनावश्यक वाद विवाद की स्थितियां उत्पन्न नहीं होगी। पारदर्शी पदोन्नतियां होने से विभाग के प्रति विश्वास में वृद्धि होगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अब पुलिस कर्मियों को उनकी दक्षता के अनुरूप पुलिस पदक भी मिल सकेंगे। 

स्टॉफ सदस्यों ने कहा कि
वर्तमान पदोन्नति के आंकड़ों के अनुसार कई पुलिस कार्मिक लगभग 27 साल की राजकीय सेवा करने के उपरांत भी कांस्टेबल के पद से भर्ती होकर इसी पद से ही सेवानिवृत्ति हो जाते हैं। वरिष्ठता अनुसार पदोन्नतियां होने पर इन्हें 2 से 3 पदोन्नतियों के अवसर प्राप्त हो सकेंगे। इससे पुलिस कारकों का समाज में मान सम्मान में प्रतिष्ठा बढ़ेगी और वे अपने पद के अनुरूप अपनी कार्य दक्षता में और वृद्धि करने के लिए प्रेरित होंगे।

इस अवसर पर डीजीपी कानून व्यवस्था राजीव शर्मा, डीजीपी साइबर सुरक्षा डॉ रवि प्रकाश मेहरड़ा भी मौजूद रहे।

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