दुनिया को बदलना है तो स्वयं पर विश्वास करना होगा -डी.बी. गुप्ता (मुख्य सूचना आयुक्त)
स्वामी विवेकानंद का जीवन चरित्र प्रेरणा का स्त्रोत,आत्मबल और आध्यत्मिकता से मिलती है सफलता
जयपुर, 07 अक्टूबर। मुख्य सूचना आयुक्त डी.बी. गुप्ता ने कहा कि दुनिया को बदलना है तो स्वयं पर विश्वास करना जरूरी है। लक्ष्य को सावधानीपूर्वक तय करो और उस पर ध्येय बनाओ। योजनाबद्ध तरीके से कार्यों को पूरा करे। उन्होंने कहा कि विचार दूर तक जाते है, शब्द गौण है। हमारी सोच हमारी दिशा तय करती है।
डी.बी. गुप्ता शनिवार को यहां रामकृष्ण मिशन परिसर में रामकृष्ण मिशन के 125वें जयन्ती कार्यक्रमों के समापन अवसर पर हमारे राष्ट्र के निर्माण में स्वामी विवेकानंद का योगदान विषय पर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने युवाओं को सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के संबंध में टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि दूसरों से अलग करने की कोशिश करो। शार्टकट कभी फायदा नही देगा। जिज्ञासा जीवन में महत्वपूर्ण है।
उन्होंने रामकृष्ण मिशन परिसर की 1968 से 1976 की अपनी यादों का जिक्र किया। उन्होंने अपने दादाजी स्वर्गीय श्री भूषण गुप्ता का जिक्र करते हुए अपने जीवन में उनके प्रभावों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचारों ने बचपन में ही मुझे प्रभावित किया और उनके बल पर आगे बढ़ा। प्रारंभ में प्रमुख शासन सचिव सहकारिता श्रीमती श्रेया गुहा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए स्वामी विवेकानंद के संदेश को जन-जन तक पहंुचाने का आह्वान किया। उन्होंने मुख्य सूचना आयुक्त श्री डी.बी. गुप्ता के व्यक्तित्व पर प्रकाश भी डाला।
रामकृष्ण मिशन दिल्ली के सचिव स्वामी सर्वलोकानंद ने कहा कि भारत की आध्यत्मिकता एवं धर्म प्राण है। उसे भूलने से पतना अवस्था आती है। स्वामी विवेकानंद ने कहा कि भारत फिर उठेगा, भारत फिर बढ़ेगा और वह अतीत के गौरव से भी आगे बढ़ेगा। चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिग ने भारत की प्रतिभा का परिचय कराया है।
उन्होंने कहा कि स्वयं को दुर्भल ना समझो स्वयं को सशक्त समझो। आत्मविश्वासी बने। इसी आधार पर लोग महान हुए है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा बल आत्मबल है। सकारात्मकता से जिये और चरित्र का निर्माण करंे। देश निर्माण से पूर्व मनुष्य निर्माण होना आवश्यक है। उसके बल पर ही देश को आगे ले जा सकते है।
रामकृष्ण मिशन के सचिव देव प्रभानंद ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने आध्यामिक्ता को सींचा और उसे जन-जन तक पहंुचाया। उन्होंने कहा कि भारत भूमि पर जो अवतार हुए है वे आध्यात्मिकता को सींचते है और चले जाते है। आध्यात्मिकता के बल पर ही भारत विश्व गुरू बन सकता है। उन्होंने आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनने पर बल दिया।
विवेकानंद आर्मी के संस्थापक विख्यात शिक्षाविद अजीत राय ने विवेकानंद के प्रेरकता से ओतप्रोत ओजस्वी विचार प्रस्तुत किए। भारतीय विद्या भवन की पूर्व शिक्षिका उमा मेहरा ने विवेकानंद जी के योगदान पर चर्चा करते हुए राष्ट्र निर्माण में भूमिका को रेखांकित किया। अंत में विख्यात कार्डियक सर्जन डॉ. रमेश कुमार मधोक ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में युवा उपस्थित थे।
Comment List