बाड़मेर में जिस हिस्ट्रीशीटर की संपत्ति सीज की,
बाड़मेर। बाड़मेर पुलिस ने जिस हिस्ट्रीशीटर विरधाराम की 2 करोड़ की प्रॉपर्टी सीज की, महज 19 घंटे बाद उसकी सड़क हादसे में मौत हो गई। सवाल उठता है—क्या यह सिर्फ एक संयोग था, या फिर इसके पीछे कोई सोची-समझी साजिश थी?
मामले के मुताबिक सोमवार दोपहर 12 बजे पुलिस ने विरधाराम की आलीशान कोठी सीज कर दी। उसकी क्रेटा कार और तीन स्लीपर बसों को भी ब्लैकलिस्ट करने के लिए आरटीओ को सूचना भेजी गई। यह बाड़मेर पुलिस द्वारा पहली बार की गई इतनी बड़ी संपत्ति जब्ती की कार्रवाई थी।
इसके ठीक 19 घंटे बाद, मंगलवार सुबह 7 बजे, उत्तर प्रदेश के कानपुर एक्सप्रेसवे पर उसकी कार एक ट्रेलर में घुस गई। हादसे में विरधाराम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसके दो दोस्त गंभीर रूप से घायल हुए।
विरधाराम पर एनडीपीएस एक्ट समेत 10 आपराधिक मामले दर्ज थे। उस पर ड्रग्स की तस्करी से करोड़ों की अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप था। पत्नी के नाम पर उसने "वी.आर. सियोल कंस्ट्रक्शन" नाम की कंपनी भी खोल रखी थी।
क्या यह सिर्फ हादसा था? : पुलिस ने जब कार्रवाई की, तब क्या विरधाराम को अपनी मौत का अंदाजा था? क्या उसने आत्महत्या का रास्ता चुना, या कोई उसके सफर की हर हलचल पर नज़र रखे था? क्या उसकी मौत से किसी बड़े नेटवर्क को फायदा हुआ?
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