गजेन्द्र सिंह शेखावत के प्रयासों के बावजूद “हर घर पेयजल योजना “नहीं पहन सकी अमलीजामा ?
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और राजस्थान की जोधपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार गजेंद्र सिंह शेखावत ये दावा करते रहे हैं कि वर्तमान सरकार ने अंतिम व्यक्ति को ध्यान में रखते हुए पानी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। “हमारी सरकार ने पेयजल को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
लेकिन शेखावत के लाख प्रयास करने के बावजूद केंद्र सरकार की “हर घर पेयजल योजना “ अमलीजामा नहीं पहन सकी ,परिणामस्वरूप इसका खामियाजा राजस्थान की निरीह जनता भुगत रही है ,लोक सभा चुनाव 2024 बाद केंद्रीय जल सकती मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भी अब तक राजस्थान का रुख़ नहीं किया है!
चुनावों में हर घर में पेयजल की उपलब्धता के बारे में बात करते हुए शेखावत ने कहा था कि जल जीवन मिशन के तहत प्रतिदिन लगभग एक लाख परिवारों को पेयजल सुविधा से जोड़ा जा रहा है ।
उन्होंने दावा किया था कि
“जल जीवन मिशन के तहत काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमने केवल एक वर्ष में दो करोड़ से अधिक परिवारों को पानी उपलब्ध कराया है!
लेकिन धरातल पर कहीं नज़र नहीं आ रहा है जनता आज भी पानी के लिए त्राहि -त्राहि कर रही है!
जल पाताल में, पारा आसमान में
राजस्थान प्रदेश में गर्मी का सितम चरम पर है जनता के हलक और पानी के स्त्रोत सूखते जा रहे हैं !
सरकार बनने के बाद लोक सभा चुनावों के मद्देनज़र राजस्थान सरकार भी चुनावों में व्यस्त थी अब जब जनता पानी के लिए प्रदर्शन कर रही है तो सरकार की नींद खुली है और उसने कई प्लान बनाए हैं लेकिन लगता है कि अब उन्हें मॉनसून में ही पानी नसीब होगा !
राजस्थान में पारा अपने चरम पर है और पानी पाताल में पहुँच चुका है
समर कंटीजेंसी प्लान में जनता तक पानी पहुँचाने पर जलदाय विभाग के अधिकारियों की लापरवाही पर मुख्य सचिव सुधांश पंत भी नाराज़गी जता चुके हैं विभाग के सचिव समित शर्मा ने कंटीजेंसी के काम 31 मई तक पूरे करने की डेडलाइन दी है !
आकस्मिक कार्यों को सरकार ने मार्च के पहले सप्ताह में मंज़ूरी दे दी थी लेकिन 20% काम होने में भी 75 दिन लग गए अब अगले छह दिन में 80 प्रतिशत काम पूर्ण होने की संभावना न के बराबर है!
भाजपा ने 2019 के घोषणा पत्र में 2024 तक हर घर को पेयजल देने का किया था वादा!
लोकसभा चुनाव 2019 में प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 तक हर घर को पेयजल देने का वादा किया था। अपने किए वादे को पूरा करते हुए प्रधान मंत्री मोदी ने पोर्टफोलियो आवंटन के दौरान जल शक्ति नाम के नए मंत्रालय को शुरू किया तथा इसे "जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय" और "पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय" को मिलाकर बनाया गया, इसकी जिम्मेदारी जोधपुर से सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत को दी गई है। जिम्मेदारी लेने के बाद शेखावत ने कहा था कि इस मंत्रालय के तहत जल संबंधी सभी कार्यों को किया जाएगा।
गजेन्द्र सिंह शेखावत को इस मंत्रालय का मंत्री बनने से राजस्थान में बहुत आशाएँ जगी थी राजस्थान के सुदूर रेगिस्तानी इलाकों में जल की समस्या से ग्रस्त निवासियों ने यह सोचा था कि अब तो हमारे घर में पानी की समस्या ख़त्म हो जाएगी लेकिन आज भी समस्या जस की तस बनी हुई है जबकि जल संसाधन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत दो बार सांसद रह चुके हैं फिर भी पानी की समस्या ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है वे इसका ज़िम्मेदार राज्य सरकार को बताते हुए अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ते रहे हैं!
जल शक्ति मंत्रालय के दायरे में अंतरराष्ट्रीय और अंतर-राज्य जल विवाद, नमामि गंगे परियोजना, गंगा और इसकी सहायक नदियों और उप-सहायक नदियों को साफ करने और स्वच्छ जल उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी थीं
नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 600 मिलियन (60 करोड़) भारतीय पानी की समस्या से परेशान हैं। 75% घरों में पीने का पानी नहीं है। हर साल 2 लाख लोगों की मौत साफ पानी नहीं मिलने की वजह से हो जाती है।
रिपोर्ट के मुताबिक देश का 70% पानी दूषित है। यह देश के लिए खतरे की घंटी है। इसमें भी सबसे ज्यादा खतरा दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद सहित 21 शहरों में है, जहां 2026 तक पानी की बड़ी दिक्कत पैदा होने वाली है। इससे 100 मिलियन (10 करोड़) लोग प्रभावित होंगे। 2030 तक देश में पानी की मांग दोगुने होने की संभावना है।
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