आरएसआरडीसी में टोल टेंडर फिक्सिंग की आशंका को लेकर मुख्यालय पर प्रदर्शन !

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आरएसआरडीसी में टोल टेंडर फिक्सिंग की आशंका को लेकर मुख्यालय पर प्रदर्शन !

आरएसआरडीसी द्वारा प्रदेश में संचालित टोल मार्गों पर टोल वसूली के लिए जारी टेंडरों में हो रही गड़बड़ी और फिक्सिंग को लेकर झालाना स्थित आरएसआरडीसी मुख्यालय पर मंगलवार को प्रदर्शन किया। सैकड़ों की संख्या में आए लोगों ने एमडी सुनील जय सिंह का घेराव भी किया।प्रदर्शनकारियों ने  ’’टोल में चोरी का नया पेटर्न बंद करो’’, ’’जब फिक्सिंग की करनी है तो टेंडर का ढोंग क्यों’’ ’’राजस्व को डकार रहा भ्रष्टाचार,युवाओं को कैसे मिलेगा रोजगार’’ जैसे नारे लिखी तख्तियां हाथों में लेकर नए टोल टेंडरों में ’’फिक्सिंग’’ के आरोप लगा प्रदर्शन किया। नारेबाजी करते हुए लोग एमडी के कमरे में घुस गए। इस पर एमडी सुनील जय सिंह ने प्रदर्शनकारियों से वार्ता कर उनकी बात सुनी। प्रदर्शनकारी यूनूस चौपदार ने बताया की विभाग ने कुछ चुनिंदा टोल कंपनियों को फायदा पहुचाने के उद्देश्य से टेंडर बनाया है। इससे ठेकेदारों को चोरी का अवसर मिलेगा और युवाओं का रोजगार छिनेगा। चौपदार ने मांग रखी की अधिकारी इस बात की गारंटी ले कि विगत वर्ष की तुलना में इन नए पेटर्न से राजस्व में कमी नहीं होगी। और राजस्व कम होता है तो जिम्मेदार अधिकारियों से इसकी वसूली की जाए।

चौपदार ने बताया की टेंडर में चार पैकेज बनाए गए है,जिसमें अलग-अलग पैकेज में दो से छः टोल रूट रखे गए है। इस पैटर्न से टोल माफिया का एकाधिकार कायम हो जाएगा और ठेकेदारों के मौज होगी। मैनपावर सप्लाई के इस टेंडर में कही भी कर्मचारियों के न्यूनतम मानदेय का निर्धारण नहीं किया गया है और जानबूझकर नियमविरूध ऐसी शर्तें लगाई गई है,जो आरएसआरडीसी का कोई भी वर्तमान ठेकेदार पूरी नहीं करता है। चौपदार ने आरोप लगाया कि यह सब शर्त निविदा की गोपनियता भंग कर अधिकारियों ने किसी फर्म विशेष से सांठगाठ कर लगाई है। वित्त विभाग के नियमों के अनुसार टेंडर प्रकिया में प्रथम अपील अधिकारी उपापन संस्था से उपर के अधिकारी को बनाने का प्रावधान है,लेकिन फिक्सिंग के इस खेल में टेंडर जारी कर्ता महाप्रबंधक आरएसआरडीसी को ही प्रथम अपील अधिकारी बना दिया गया है।प्रदर्शन में शामिल टोलकर्मियों ने कहा कि सरकार राइजिंग राजस्थान में बाहरी निवेश लाकर रोजगार देने का दावा कर रही है। लेकिन इन टेंडरों की शर्तों से ’’फिक्सिंग’’ के कारण प्रदेश में टोल संग्रहण का काम कर रही स्थानीय कंपनीयां बाहर हो जाएगी,तो सालों से काम कर रहे युवा बेरोजगार हो जाएंगें।यूनूस चौपदार ने एमडी सुनील जयसिंह से वार्ता के दौरान कहा कि पिछले सप्ताह इन टोल टेंडरों में गड़बड़ियों के खिलाफ मुख्यमंत्री,मुख्य सचिव और विभागीय अधिकारियों को ज्ञापन मेल किया जा चुका है,लेकिन मिलीभगत के चलते कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। ऐसे में जल्द सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती है तो मजबूरन अनशन पर बैठना पड़ेगा।

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