ऑटो चालकों का प्रदर्शन, मांगे नहीं मानीं तो करेंगे चक्काजाम

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  ऑटो चालकों का प्रदर्शन, मांगे नहीं मानीं तो करेंगे चक्काजाम

बीकानेर । इंटक नेता हेमंत किराडू के नेतृत्व में ऑटोचालकों की समस्याओं के समाधान के साथ फिटनेस सेंटर की उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर यहां कलेक्ट्री चौखट के पास नारेबाजी की गयी और प्रदर्शन किया गया। किराडू ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही ऑटोचालकों की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो चक्काजाम तक किया जाएगा।

किराडू ने बताया कि बीकानेर में ऑटो रिक्शा के अलावा कोई भी साधन यातायात का बीकानेर में नहीं है जबकि राज्य के अन्य शहरों में नगर बस सेवा का चलन है लेकिन यहां नहीं होना भी दुर्भाग्यूपर्ण है। लेकिन वर्ष-2004 में जनसंख्या 2 लाख के आधार पर ऑटो रिक्शाओं के परमिट 4 हजार सम्मिट किए गए उसके बाद अब बीकानेर के 36 ग्राम नगर विकास न्यास क्षेत्र में आने से शहर की जनसंख्या 14 लाख हो गयी लेकिन अभी तक ऑटो रिक्शाओं के परमिट का स्कॉप अभी तक नहीं बढ़ा है। वहीं शिकायत यही की जाती है कि ऑटो रिक्शा के कागजात सही नहीं है जबकि कागजात तो सही ही है, 95 प्रतिशत एल.पी.जी. एवं इलेक्ट्रोनिक रिक्शा पांच प्रतिशत यूरो-6 जो भारतीय परिवहन मंत्रालय के मापदण्ड के अनुसार प्रदूषणरहित है उनके खिलाफ शिकायत की जाती है। जो कि ऑटोचालकों के खिलाफ कुठाराघात है। किराडू ने कलेक्टर के नाम प्रेषित ज्ञापन में बताया कि सर्वे करवाकर जांच करवायी जानी चाहिए। डीजल के ऑटो रिक्शा बहुत ही कम है, यूनियन उनको ऑनरोड हटाने के लिए प्रयत्नशील भी है। वहीं निजीकरण के कारण बीकानेर में पांच फिटनेस सेंटर है जो ऑटो चालकों से लेकर सभी वाहन चालकों से दस गुणा फीस वसूल की जा रही है। इसकी जांच के लिए कमेटी बनायी जानी चाहिए। किराडू ने बताया कि वर्ष-2004 में डीजल ऑटो रिक्शा मॉडल कंडीशन में आए थे उनके परमिट आज भी बीकानेर आरटीओ कार्यालय में पड़े है। साथ ही साथ मीटरगेट से ब्रॉडगेज बने रेलवे प्लेटफार्म 1 से 6 हो गए उन पर भी ऑटो रिक्शा स्टैण्ड निर्धारित किए जाने चाहिए।

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