आम आदमी पार्टी कार्यालय के लिए दिल्ली में भूमि आवंटन की मांग पर कल भी सुनवाई करेगा हाई कोर्ट
नई दिल्ली । दिल्ली हाई कोर्ट केंद्रीय दिल्ली में आम आदमी पार्टी के दफ्तर के लिए भूमि आवंटित करने की मांग पर कल यानी 21 मई को भी सुनवाई जारी रखेगा।
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच के समक्ष आज सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी की ओर से पेश वकील ने कहा कि दिल्ली भाजपा और केंद्रीय भाजपा के अलग-अलग कार्यालय हैं। राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त पार्टी को भी दिल्ली में कार्यालय मिलता है। आम आदमी पार्टी ने कहा कि प्लॉट नंबर 23-24 साल 2002 में दिल्ली सरकार को आवंटित हुआ था। बाद में दिल्ली सरकार ने इसको पार्टी ऑफिस के लिए आम आदमी पार्टी को आवंटित किया।
हाई कोर्ट ने कहा कि सवाल यह भी है कि कि राऊज ऐवन्यू कोर्ट के प्लॉट को दिल्ली सरकार को क्यों दिया गया। हाई कोर्ट ने पूछा कि क्या दिल्ली के सभी खाली प्लॉट दिल्ली सरकार के अधीन हैं या फिर केंद्र सरकार के। हाई कोर्ट ने कहा कि जब प्लॉट नंबर 23-24 दिल्ली सरकार को दिया गया था, तब आम आदमी पार्टी का गठन नहीं हुआ था। ऐसे में यह साफ है कि केंद्र सरकार ने ही वह प्लॉट दिल्ली सरकार को दिया था। हाई कोर्ट ने पूछा कि उस प्लॉट को दिल्ली सरकार को आवंटित करने का उद्देश्य क्या था।
सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी ने कहा कि केंद्र सरकार का कहना है कि प्लॉट 23-34 पर उनका कब्जा नहीं है। इसलिए वह आम आदमी पार्टी को वह प्लॉट आवंटित नहीं कर सकते। आम आदमी पार्टी ने कहा कि पार्टी को जमीन आवंटित करने के लिए उस जमीन पर कब्जा सरकार के पास होना जरूरी नहीं है। इस पर केंद्र सरकार ने कहा कि जिस मंत्री के पास वह प्लॉट था, हमने उसके कब्जे को आगे बढ़ाने के लिए कहा था।
सुनवाई के दौरान 15 मई को केंद्र सरकार ने कहा था कि आम आदमी पार्टी के दफ्तर के लिए केंद्रीय दिल्ली में कोई भूमि खाली नहीं है। केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने हाई कोर्ट को बताया था कि पहले उसने आम आदमी पार्टी को अपने केंद्रीय दफ्तर के लिए साकेत कोर्ट के पास एक स्थायी दफ्तर अलॉट करने का ऑफर दिया था लेकिन आम आदमी पार्टी ने कोई जवाब नहीं दिया। मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि आम आदमी पार्टी केंद्रीय दिल्ली में खासकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर दफ्तर के लिए भूमि की मांग कर रही है, जहां भूमि उपलब्ध नहीं है।
केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय की दलील का विरोध करते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा कि उसका एक मंत्री 23-24 राऊज एवेन्यू में अपना आवास खाली कर आम आदमी पार्टी को देना चाहता है। इस पर मंत्रालय ने कहा कि जब तक मंत्री अपना आवास खाली नहीं करते और उनके अधिकार में नहीं आ जाता तब तक वे किसी को आवंटित कैसे कर सकते हैं।
हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी की याचिका पर 14 अप्रैल को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। आम आदमी पार्टी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने उसके राऊज एवेन्यू दफ्तर को 15 जून तक खाली करने का आदेश दिया है। ऐसे में उसे अपने दफ्तर के लिए एक वैकल्पिक भूमि को आवंटित करने का आदेश जारी किया जाए।
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