दिया कुमारी हिंदू समाज द्वारा आयोजित धरने में हुई शामिल
गहलोत सरकार की तुष्टीकरण की नीति के विरोध में दिया गया था धरना
राजसमंद सांसद दिया कुमारी आज जयपुर बचाओ संघर्ष समिति के तत्वावधान में जयपुर में आयोजित बड़ी चौपड़ पर 29 सितंबर को व्यापारियों से हुई लूट और दुर्व्यवहार के विरोध में हिंदू समाज द्वारा आयोजित विशाल धरने में शामिल हुई। यह धरना कांग्रेस सरकार की तुष्टिकरण की नीतियों के विरोध में हिंदू समाज द्वारा दिया गया था।
इस मौके पर जयपुर के सांसद रामचरण बोहरा औऱ मालवीयनगर के विधायक कालीचरण सराफ मौजूद रहे, दीया कुमारी ने कहा कि वोटबैंक के लिए तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है कांग्रेस सरकार!
उन्होने कहा कि गत 29 सितंबर की रात को दो मोटर साइकिल की टक्कर में जो विवाद हुआ उस में एक तीसरे पक्ष के युवक इकबाल की मौत हो गई। यह पूरा विवाद आपसी झगड़े का था, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तुष्टीकरण की नीति पर अमल करते हुए मृतक के परिवार को पचास लाख रुपए का मुआवजा, सरकारी नौकरी तथा डेयरी बूथ दे दिया। धरने में शामिल लोगों का कहना रहा कि मृतक के परिवार को इतना मुआवजा देने पर कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन ऐसी नीति सभी घटना क्रमों में समान रूप से अपनानी चाहिए। ऐसे झगड़ों में जब किसी हिन्दू व्यक्ति की मौत होती है तो उसे मात्र पांच लाख रुपए का मुआवजा बड़ी मुश्किल से दिया जाता है। 29 सितंबर की घटना के विरोध में 30 सितंबर को जयपुर के रामगंज और हवा महल क्षेत्र में बड़ी संख्या में समुदाय विशेष के लोग सड़कों पर आ गए और देखते ही देखते कुछ युवकों ने बाजारों में दहशत का माहौल कर दिया। दुकानों पर बैठे लोगों के साथ मारपीट और तोडफ़ोड़ भी की गई। ऐसे युवकों के वीडियो जयपुर पुलिस के पास हैं, लेकिन अभी तक भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है, जिसकी वजह से जयपुर में दहशत का माहौल बना हुआ है। चार अक्टूबर के धरने में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए और यह दिखाने का प्रयास किया कि 30 सितंबर की घटना के विरोध में सर्व समाज एकजुट है। धरने में शामिल लोगों की मांग रही कि जिन युवकों ने 30 सितंबर को दहशत फैलाई उनके विरोध सख्त कार्यवाही की जाए। सरकार से यह भी मांग की गई कि मुआवजा देने में समान नीति अपनाई जाए।
धरने को ध्यान में रखते हुए जयपुर पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। धरना स्थल पर ड्रोन कैमरों से निगरानी की ताकि कोई उपद्रवी माहौल न बिगड़ सके। जयपुर पुलिस के आयुक्त बीजू जॉर्ज, एडिशनल कमिश्नर कुंवर राष्ट्रदीप, विश्नोई सहित तमाम अधिकारी मौजूद रहे। हालांकि सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक चारदीवारी के सभी बाजार बंद रहे।
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