शिवसेना के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ेंगे गुढ़ा, झुंझुनू उपचुनाव की तैयारी

By Desk
On
  शिवसेना के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ेंगे गुढ़ा, झुंझुनू उपचुनाव की तैयारी

झुंझुनूं । राजस्थान में गहलोत सरकार के अंतिम कार्यकाल में लाल डायरी से सियासी हलचल मचाने वाले पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा एक बार फिर सुर्खियों में है। झुंझुनूं विधानसभा उपचुनाव की तैयारी कर रहे राजेंद्र सिंह गुढ़ा फिर से पाला बदलने जा रहे हैं। गुढ़ा ने साफ कर दिया है कि वो शिवसेना के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ेंगे। साथ ही, उन्होंने ऑल इंडिया मजलिस-ए-मुस्लिमीन यानी एआईएमआईएम के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी को अपना दोस्त बताया है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि वो एआईएमआईएम के टिकट पर झुंझुनूं विधानसभा में उपचुनाव लड़ सकते है। पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा झुंझुनूं विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तैयारी में जुटे हुए हैं। इसके कयास उनके सोमवार को झुंझुनूं मुख्यालय स्थित ईदगाह स्थल पहुंच कर नमाज से लौट रहे लोगों को ईद की मुबारकबाद देने से लगाया जा रहा है।

उन्होंने कहा भी है कि इस बार उन्होंने झुंझुनूं विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ा तो शिवसेना (शिंदे) से चुनाव नहीं लड़ेंगे। ओवैसी की पार्टी से चुनाव लड़ने की बात पर उन्होंने कहा कि ओवैसी मेरे मित्र हैं और मैं उनका सम्मान करता हूं। मैं उनसे मिलता रहता हूं। गुढ़ा 2023 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना (शिंदे) के टिकट पर उदयपुरवाटी से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन वे हार गए। गुढ़ा 2018 में बसपा से चुनाव जीत कर कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे। बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ लाल डायरी को लेकर मोर्चा खोलने के बाद उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया। गुढ़ा बसपा, फिर कांग्रेस और अब शिवसेना से भी दूरी बनाने के मूड में हैं। फिलहाल वे शिवसेना (शिंदे) के प्रदेश संयोजक हैं।

अन्य खबरें राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री,छत्तीसगढ़ प्रभारी एवं कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने राजस्थान सहित देश के कई मुद्दों पर की दैनिक चमकता राजस्थान के संपादक अभय सिंह बातचीत । 

राजेंद्र गुढ़ा झुंझुनूं विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव को लेकर सक्रिय हैं। झुंझुनूं विधायक बृजेंद्र ओला सांसद बन गए हैं। ऐसे में यह सीट खाली हो गई है। इस सीट पर उपचुनाव होगा। उन्होंने कहा कि झुंझुनूं विकास की दृष्टि से पिछड़ा हुआ है। यहां बहुत काम होने हैं। पानी की समस्या है। पुलिस लाइन के पास पुलिया बननी है। गुढ़ा के बयान के बाद सियासी गलियारों में चर्चा है कि वो असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-मुस्लिमीन ज्वॉइन कर सकते है। साथ ही वो झुंझुनूं से एआईएमआईएम के टिकट पर उपचुनाव लड़ सकते है। खास बात ये है कि लोजपा, बसपा और कांग्रेस के बाद राजेंद्र गुढ़ा शिवसेना से नाता तोड़ने जा रहे हैं।

अन्य खबरें विधानसभा अध्यक्ष ने बांटी 195 लोगों को सहायता राशि

झुंझुनूं जिले में 19 जुलाई 1968 को जन्मे राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने साल 2008 में अपना सियासी सफर शुरू किया था। उन्होंने पहली बार बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। लेकिन, चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस के साथ चले गए थे। साल 2013 में गुढ़ा ने कांग्रेस के टिकट पर उदयपुरवाटी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। लेकिन, वो हार गए थे। इस कारण उन्हें साल 2018 में कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया और वो वापस बसपा में शामिल हो गए थे। हालांकि, चुनाव जीतते ही वापस कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। वो गहलोत राज में दो बार मंत्री भी रह चुके है। पिछले साल लाल डायरी पर मचे सियासी घमासान के बाद उन्हें कांग्रेस छोड़नी पड़ी थी और शिवसेना का दाम थाम लिया था। साल 2023 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए थे। गुढ़ा अब झुंझुनूं विधानसभा उपचुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी से उतरने की तैयारी कर रहे हैं।

अन्य खबरें सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी रखें गुणवत्ता का ध्यान - उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी

Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

Latest News

आर्किटेक्ट भारत सैनी आत्महत्या मामले मैं 41 लाख नगद रुपए में समझौता ? आर्किटेक्ट भारत सैनी आत्महत्या मामले मैं 41 लाख नगद रुपए में समझौता ?
आरएएस मुक्ता राव की ओर से कथित तौर पर भुगतान ना करने पर आर्किटेक्ट भारत सैनी द्वारा आत्महत्या मामले में...
राजस्थान के मंत्रियों के लिए 13.60 करोड़ रुपए में 40 फॉच्यूनर गाड़ियां खरीदेगी सरकार !
राहुल गांधी के नित नए प्रयोग से सेवादल का हुआ बंटाधार 
संगीतमयी अंदाज़ में सजी उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी की पहल पर लोकप्रिय सांस्कृतिक श्रृंखला ‘कल्चर डायरीज’ की अलबेली शाम !
पेंशन ना मिलने पर भटक रहे बुजुर्ग-विधवा और दिव्यांग
जेईई मेन 2025 परिणाम:  परिणामों में टॉप-100 ऑल इंडिया रैंक में एलन के 31 स्टूडेंट्स
आईआईटी मंडी के रजिस्ट्रार्स कॉन्क्लेव में शामिल हुए देशभर के 18 आईआईटी के रजिस्ट्रार्स