राजस्थान में 18 वर्षों बाद नेफस्कोब की आयोजित होने वाली बैठक मैं विभिन्न राज्यों के राज्य सहकारी बैंकों के प्रतिनिधि लेंगे भाग
सहकारिता के सुदृढीकरण पर होगा विचार विमर्श
जयपुर, 24 सितम्बर। रजिस्ट्रार सहकारिता मेघराज सिंह रतनू ने रविवार को बताया कि राजस्थान में 18 वर्षों बाद नेफस्कोब (नेशनल फैडरेशन ऑफ स्टेट को-ऑपरेटिव बैक्स) की बैठक 26 सितंबर, 2023 को आयोजित होगी। इस बैठक में विभिन्न राज्यों के राज्य सहकारी बैंकों के अध्यक्ष/प्रशासक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी सहित सहकारी क्षेत्र के वरिष्ठ जन प्रतिनिधियों द्वारा भाग लिया जाएगा।
रतनू ने बताया कि नेफस्कोब का गठन 33 राज्यों के राज्य सहकारी बैंकों द्वारा अल्पकालीन साख संस्थाओं से संबंधित विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श एवं समस्याओं के समाधान हेतु किया गया है। नेफस्कोब अल्पकालीन सहकारी साख संस्थाओं से संबंधित विभिन्न मुद्दों को नाबार्ड, आरबीआई, भारत सरकार आदि के समक्ष रखता है तथा समस्याओं के सकारात्मक समाधान एवं संस्थाओं की बेहतरी के लिए प्रयास करता है।
रजिस्ट्रार ने बताया कि 26 सितंबर, 2023 को नेफस्कोब की संचालक मण्डल की बैठक में सहकारिता मंत्रालय द्वारा पैक्स के लिए मॉडल उपनियम, प्रत्येक पंचायत पर पैक्स की स्थापना, अनाज भंडारण योजना, कॉमन सर्विस सेन्टर, पेट्रोल पंप आवंटन, एलपीजी ड्रिस्टीब्यूटर्सशिप, एसपीओ का गठन, खाद वितरण केन्द्रों, जन औषधि केन्द्र खोलने सहित अन्य पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
रतनू ने बताया कि भारत सरकार द्वारा कुछ समितियों को करों में दी गई राहत, नगद जमा व ऋण दिये जाने की सीमा में वृद्धि एवं अन्य सहकारिता द्वारा जिन समस्याओं का सामना किया जा रहा है, उसके समाधान के लिए प्रयासों पर विचार-विमर्श होगा साथ ही भारत सरकार के वित्तीय सेवा विभाग को नेफस्कोब के द्वारा सहकारी संस्थाओं के पुर्नपूंजीकरण एवं विधिक परिवर्तनों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
प्रबंध निदेशक अपेक्स बैंक भोमाराम ने बताया कि बैठक में आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी, ओटीएस, डिजिटल लैड़िग के संबंध में विचार-विमर्श, केन्द्रीय रजिस्ट्रार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों एवं मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव एक्ट की धाराओं में किए गए संशोधनों पर विचार, सहकारी बैंकों में सुधार हेतु किए जा रहे विभिन्न उपायों पर विचार-विमर्श, नाबार्ड की परोक्ष निगरानी प्रणाली में डेटा पाइंटस में की गई वृद्धि एवं पैक्स एज मल्टी सर्विस सेन्टर योजना पर विचार-विमर्श, फसली ऋण वितरण पर आ रही समस्याओं सहित अन्य विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
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