सभी की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जनगणना में सभी कॉलम होने चाहिए -सचिन पायलट
पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने उदयपुर में एक प्रेस वार्ता में कहा कि अभी दो दिन पहले कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में हम लोगों ने दो प्रस्ताव पारित किए है ,पहला प्रस्ताव था जो पहलगाम में आतंकियों ने हमला किया और निर्दोष सैलानियों का जो नरसंहार किया है ,हम समझते है वो पाकिस्तान के द्वारा आक्रमण है भारत के ऊपर भारत द्वारा उसका जबाव देने का समय आ चुका है कांग्रेस पार्टी ने और समूचे विपक्ष ने निसंकोच भाव से और पूरी ताक़त के साथ सरकार को समर्थन दिया है जो भी उचित कारवाई सरकार को करनी चाहिए।मुझे लगता है यह हमेशा एक परम्परा रही है देश के ऊपर जब हिंदुस्तान की संसद पर आक्रमण हुआ था वाजपेई जी प्रधानमंत्री थे उस समय सोनिया गांधी जी नेता प्रतिपक्ष थी और उन्होंने सदन में कहा था कि भारत की संसद पर जो हमला किया है वह लोकतंत्र पर हमला है उस समय कांग्रेस पार्टी ने वाजपई जी की सरकार को पूरा समर्थन दिया था और जवाबी कारवाई के लिए उनको ताकत देने का काम किया था आज भी राहुल गांधी ,खडके जी ने सबने मिलकर कहा है कि सरकार जो उचित समझे वो कदम उठाने चाहिए इस प्रकार की घटना को अंजाम देना कोई मामूली बात नहीं है आज तो 140 करोड़ लोग एकजुट है और चाहते हैं कि पाकिस्तान को मुंहतोड़ जबाव मिलना चाहिए । बिना समय खोए सरकार को सभी संसाधन इकठ्ठे करकर कारवाई करनी चाहिए अब यह साबित हो चुका है कि पाकिस्तान नहीं चाहता कि हमारे देश में अमन चैन रहे इस प्रकार जो घटना हुई है नाम पूछकर इस प्रकार की पहली बार घिनौनी हरकत आतंकियों ने यह की है और पाकिस्तान के पूरे समर्थन के साथ यह घटना की है सरकार को बिना समय खोए ढृढ़ता से मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए पूरा देश एकजुट है और आतंकवाद को जड़ से खत्म करने का यही एक तरीका है इस प्रकार का कार्यसमिति ने एक प्रस्ताव पारित किया था दूसरा प्रस्ताव था अचानक केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना की घोषणा की है हम लोगों ने कहा है कि इस मांग को कांग्रेस पार्टी लंबे समय से उठा रही है और राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा में स्पष्ट कहा था कि देश का एक्स रे होना चाहिए हम लोग स्पष्ट करना चाहते है कि हम लोग यह नहीं चाहते कि जनगणना हो तो एक कॉलम ऐड करदे कि कौनसी जाती कितनी है यह हमारा लक्ष्य नहीं है हमारा मकसद है कि बहुत बड़ा देश है किस हालात में लोग और परिवार रह रहे है उनकी शैक्षणिक, आर्थिक, उनकी आमदनी,उनके रोजगार, सरकार की योजनाओं का लाभ उनको मिला या नहीं मिला उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए हम लोग चाहते है डेटा हमारे पास हो आज सरकारें घोषणा करती है वो अनुमान से करती है उनको मालूम नहीं होता है कि किस प्रकार से कितने लोग किस स्थिति में रह रहे है। अंदाजे के हिसाब से लोग बजट की घोषणा करना ,पैसा आवंटन करना , नीति निर्माण करना कार्य करते है । जब तक हमारे पास डेटा नहीं आएगा हम लोग उनकी भागीदारी सुनिश्चित नहीं कर पाएंगे करोड़ों लोग ऐसे हैं आज मुख्य धारा से बाहर हैं उनको अंदर लाने के लिए , समानता लाने के लिए करे गणना हो पारदर्शी तरीके से हो ,भाजपा को जुमले देने की बहुत आदत है उन्होंने जुमला दिया महिला आरक्षण का कब लागू होगा कोई पता नहीं है किसी को हम चाहते है समय सीमा बांधकर गणना को यह लोग तैयारी के साथ लेकर आए। इसमें सबकी भूमिका रखे !
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