मैत्रेयी महाविद्यालय में संस्कृत- सम्भाषण शिविर का शुभारम्भ
संस्कृत-विभाग, मैत्रेयी महाविद्यालय
(दिल्ली विश्वविद्यालय)
दिल्ली में संस्कृत-भारती, दिल्ली के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित 10 दिवसीय संस्कृत–सम्भाषण शिविर का उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ छात्रा छवि तथा वर्णिका के द्वारा वैदिक मंगलाचरण तथा गणेश वंदना के साथ किया गया। तत्पश्चात् कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. सुशील कुमारी ने समस्त अतिथियों एवं संस्कृत संभाषण के प्रतिभागियों का अभिनंदन एवं स्वागत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर हरित्मा चोपड़ा ने की, जिन्होंने अपने स्वागत–भाषण में समस्त आमंत्रित अतिथियों, प्रतिभागियों तथा श्रोताओं का अभिनंदन करते हुए संस्कृत भाषा की सांस्कृतिक निरंतरता पर प्रकाश डाला एवं प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए संस्कृत–सम्भाषण में अपनी रुचि भी प्रदर्शित की।
आचार्या प्रोफेसर कमला भारद्वाज मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित हुई। भारद्वाज महोदया ने संस्कृत में रोजगार की संभावनाओं को उजागर करते हुए शास्त्रीय उदाहरणों के माध्यम से संस्कृत भाषा की महत्ता पर अपना ज्ञानप्रद वक्तव्य दिया। जिससे सभी शिक्षक एवं छात्राएं अभिभूत हुए। तत्पश्चात् संस्कृत संभाषण की शिक्षिका समीक्षा सुबेदी ने संस्कृत संभाषण की कक्षाओं का आरंभ किया। इस संस्कृत संभाषण शिविर में संस्कृत विभाग की छात्राओं के अतिरिक्त महाविद्यालय के विज्ञान, हिन्दी एवं पंजाबी आदि अन्य विभागों की छात्राएं भी प्रतिभागिता कर रही हैं। इस अवसर पर संस्कृत विभाग के सभी प्राध्यापक डॉ रेखा कुमारी, डॉ धर्मेन्द्र कुमार, डॉ हेमलता आदि उपस्थित रहे, तथा पंजाबी विभाग की प्राध्यापिका डॉ. सारिका शर्मा एवं हरमीत कौर की भी कार्यक्रम में सहभागिता रही। कार्यक्रम का संचालन छवि एवं जाह्नवी के द्वारा किया गया। छात्र संयोजिका के रूप में छवि, शाइना एवं सुरभि ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने में उत्साहपूर्वक कार्य किया। आयोजक के रूप में संपूर्ण संस्कृत विभाग की सहभागिता रही। डॉ वेदवर्द्धन के द्वारा सभी का हार्दिक धन्यवाद ज्ञापन किया गया। अन्त में एकता मंत्र के साथ कार्यक्रम की समाप्ति की हुई ।
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