भारत के निर्माण में युवा समर्पण भाव से आगे आएं : हरिभाऊ बागडे
जोधपुर। राज्यपाल एवं कुलाधिपति हरिभाऊ बागडे ने युवा पीढ़ी से समय का पूरा-पूरा सदुपयोग करने और लक्ष्य के प्रति समर्पण भाव रखते हुए समृद्धशाली और सम्पन्न भारत के निर्माण के प्रति कृतसंकल्प होकर कार्य करने का आह्वान किया है और कहा है कि समाज एवं देश के विकास में अपनी अहम् भूमिकाओं का निर्वाह करते हुए विकसित भारत-2047 की संकल्पना को पूरा करने में अपनी आत्मीय भागीदारी सुनिश्चित करें।
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने शुक्रवार को पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर स्थित मारवाड़ इंटरनेशनल सेंटर में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के 21वें दीक्षान्त समारोह में मुख्य अतिथि पद से संबोधित करते हुए यह आह्वान किया।
दीक्षांत समारोह में कुल 51 हजार 402 उपाधियों का अनुमोदन किया गया। इसमें स्नातक स्तर की 46 हजार 188 और स्नातकोत्तर की 5 हजार 214 उपाधियां शामिल हैं।
इसके साथ ही दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति द्वारा 60 गोल्ड मेडल प्रदान किए गए, जिसमें 53 स्वर्ण पदक, एक कुलाधिपति पदक, चार डोनर पदक एवं दो अन्य पदक शामिल हैं, इसके साथ 187 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई।
दीक्षान्त समोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजीत कुमार कर्नाटक ने की।
उन्होंने दीक्षान्त समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और कहा कि अर्जित ज्ञान से समाज, देश एवं सम्पूर्ण मानवता का कल्याण करें।
उन्होंने 55 स्वर्णपदकों में से 38 पदक बेटियों को मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि बेटियां हमारा गौरव हैं, वे आगे बढेंगी तभी समाज तेजी से आगे बढ़ेगा।
राज्यपाल ने विभिन्न संतों एवं महापुरुषों के उपदेशों और वाणियों को उद्धृत करते हुए कहा कि शिक्षा समग्र जीवन-दृष्टि को विकसित करते हुए लोक कल्याण की धाराओं को तीव्रतर करने का सशक्त माध्यम है। शिक्षा ऐसी हो जो व्यक्तित्व का विकास करे। इससे युवा रोजगार पाने के इच्छुक नहीं बल्कि रोजगार दाता बनें।
उन्होंने एआई तकनीक का सावधानीपूर्वक उपयोग करने पर बल दिया और कहा कि तकनीकी ज्ञान का उपयोग करें पर सावधानी जरूर रखें।
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री, भारत सरकार गजेंद्र सिंह शेखावत वर्चुअल माध्यम से जुड़े । इस अवसर पर शेखावत ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल एवं सफल भविष्य की कामना की । उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र को संस्कृति,शिक्षा और इतिहास के क्षेत्र में समृद्ध करने में विश्वद्यालय का योगदान महत्वपूर्ण है । उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि इस विश्वद्यालय की मनीषा परंपरा, सीखने की जिज्ञासा और निरंतर ज्ञान अर्जन की इच्छाशक्ति को जारी रख प्रदेश और देश के विकास और उत्थान के संकल्प को सुनियोजित करें।
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