राज्यसभा में शाह बोले : हमने पाकिस्तान में घुसकर बदला लिया,

By Desk
On
   राज्यसभा में शाह बोले : हमने पाकिस्तान में घुसकर बदला लिया,

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "हमारे संविधान में कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्यों पर है। सीमा सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है। यह एक सही निर्णय है। इसमें कोई बदलाव करने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन जब कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्यों की है, तो 76 साल बाद अब ऐसी स्थिति है कि कई तरह के अपराध राज्य की सीमा तक सीमित नहीं रह गए हैं, वे अंतरराज्यीय भी हैं और बहुराज्यीय भी हैं - जैसे नारकोटिक्स, साइबर अपराध, संगठित अपराध गिरोह, हवाला। ये सभी अपराध सिर्फ एक राज्य के भीतर नहीं होते हैं। देश में कई अपराध देश के बाहर से भी भारत में किए जाते हैं। इसलिए इन सबको ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय में बदलाव करना जरूरी हो जाता है।

शाह ने कहा पूरी दुनिया में दो ही देश ऐसे थे जो अपनी सीमा और सेना के लिए हमेशा तत्पर रहते थे... इजराइल और अमेरिका! इन दोनों देशों की लिस्ट में महान भारत का नाम नरेन्द्र मोदी ने जोड़ा और वहीं से शुरू हुई आतंकवाद के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' की नीति।

अन्य खबरें  देश की एजेंसियों पर सवाल उठाना संविधान की मूल भावना के विरुद्ध-देवनानी 

राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "...जब 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई, तो हमें 2014 से पहले के कई विरासत के मुद्दे मिले। इस देश की सुरक्षा और विकास को हमेशा तीन मुख्य मुद्दों के कारण चुनौती दी गई। इन तीन मुद्दों ने देश की शांति में बाधा डाली, देश की सुरक्षा पर सवाल उठाए और लगभग 4 दशकों तक देश के विकास की गति को बाधित किया; उन्होंने देश की पूरी व्यवस्था को कई बार हास्यास्पद भी बनाया। ये तीन मुद्दे थे जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद जो तिरुपति से पशुपतिनाथ तक का सपना देखता था और पूर्वोत्तर में उग्रवाद। अगर आप इन तीनों मुद्दों को एक साथ जोड़ दें, तो 4 दशकों में इस देश के लगभग 92,000 नागरिक मारे गए। इन तीनों मुद्दों को खत्म करने के लिए कभी भी सुनियोजित प्रयास नहीं किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद ये प्रयास किये।

अमित शाह ने कहा एक देश में दो निशान, दो प्रधान और दो विधान नहीं होंगे। कैसे हो सकते हैं... देश में एक ही प्रधानमंत्री हो सकता है, एक ही विधान और देश का ​झंडा भी एक ही हो सकता है, लेकिन चलाए गए, वर्षों तक चलाए गए ।5 अगस्त, 2019 को एक निशान, एक विधान और एक प्रधान का नया दौर शुरू हुआ और वहीं से शुरू हुआ कश्मीर को हमेशा के लिए भारत के साथ एकरूप करने की प्रक्रिया।

Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

Latest News

आर्किटेक्ट भारत सैनी आत्महत्या मामले मैं 41 लाख नगद रुपए में समझौता ? आर्किटेक्ट भारत सैनी आत्महत्या मामले मैं 41 लाख नगद रुपए में समझौता ?
आरएएस मुक्ता राव की ओर से कथित तौर पर भुगतान ना करने पर आर्किटेक्ट भारत सैनी द्वारा आत्महत्या मामले में...
राजस्थान के मंत्रियों के लिए 13.60 करोड़ रुपए में 40 फॉच्यूनर गाड़ियां खरीदेगी सरकार !
राहुल गांधी के नित नए प्रयोग से सेवादल का हुआ बंटाधार 
संगीतमयी अंदाज़ में सजी उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी की पहल पर लोकप्रिय सांस्कृतिक श्रृंखला ‘कल्चर डायरीज’ की अलबेली शाम !
पेंशन ना मिलने पर भटक रहे बुजुर्ग-विधवा और दिव्यांग
जेईई मेन 2025 परिणाम:  परिणामों में टॉप-100 ऑल इंडिया रैंक में एलन के 31 स्टूडेंट्स
आईआईटी मंडी के रजिस्ट्रार्स कॉन्क्लेव में शामिल हुए देशभर के 18 आईआईटी के रजिस्ट्रार्स