JDA ने गुमान बिल्डर्स से नहीं वसूली 1.26 करोड़ रुपए की लीज राशि
जयपुर। जयपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारी किस तरह से बिल्डरों के हित में काम कर रहे हैं। इसका खुलासा हाल ही स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग की ओऱ से राज्य विधानसभा में पेश की गई एक ऑडिट रिपोर्ट से हुआ है। इसमें बताया गया है कि जेडीए के अफसरों ने गोकुल नगर (गोकुलपुरा) स्कीम में आवंटित कार्नर भूखंड जीएच-1 की 1 करोड़ 26 लाख 80 हजार रुपए की शहरी जमाबंदी राशि (लीज) नहीं वसूली। इसके लिए कोई कार्रवाई भी नहीं की।
ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक जयपुर विकास प्राधिकरण के जोन संख्या 16 की वित्तीय वर्ष 2020-21 और वित्तीय वर्ष 2021-22 की ऑडिट से पता चला कि नीलामी के माध्यम से गोकुलपुरा स्कीम में मैसर्स गुमान बिल्डर्स एंड डेवलपर्स प्रा. लि. जरिए निदेशक शंकर लाल खंडेलवाल को जीएच–1 क्षेत्रफल 5283.37 वर्गमीटर आवंटित किया गया था। इस प्लॉट के मांग-पत्र की राशि जमा कराने के बाद 11 दिसंबर, 2014 को कब्जा पत्र जारी किया गया।
कब्जा पत्र की शर्तों को भी किया नजरअंदाजः
कब्जा पत्र के बिंदु संख्या 2 के अनुसार इस भूखंड की शहरी जमाबंदी राशि (लीज) 450 रुपए प्रति वर्गमीटर है, जो पहले 5 साल के लिए 225 रुपए प्रति वर्गमीटर की दर से देय थी। इसके पश्चात प्रत्येक 15 साल में इसे बदला जा सकता था। बिंदु संख्या 3 के अनुसार शहरी जमाबंदी राशि कब्जा पत्र जारी होने की दिनांक से देय होती है जो प्रत्येक वर्ष के 31 मार्च से पहले एडवांस जमा कराई जाएगी। इसके उल्लंघन पर ब्याज वसूला जाना चाहिए था। लेकिन, जेडीए के अफसरों ने इस ओऱ कोई ध्यान ही नहीं दिया।
जांच दल को चिट्ठी का जवाब तक नहीं दियाः
ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले की वस्तुस्थिति जानने के लिए जांच दल द्वारा जेडीए को 5 जनवरी 2023 को मीमो जारी किया गया। लेकिन, इसका कोई जवाब ही नहीं दिया गया। इस पर जून, 2024 में यह मामला नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन विभाग के ध्यान में लाया गया। लेकिन, जवाब नहीं मिलने पर अक्टूबर, 2024 में फिर से विभाग को स्मरण पत्र लिखा गया।
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