महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत कथा का विशेष आयोजन...
बीकानेर। बीकानेर में सनातन धर्म रक्षा मंच के कार्यालय का शुक्रवार को विधिवत उद्घाटन मंत्रोच्चारण के साथ संपन्न हुआ। यह कार्यालय आगामी 23 मार्च से 29 मार्च तक होने वाले जंगलेश्वर 108 कुण्डीय गौरी शंकर महायज्ञ और श्रीमद् भागवत कथा के मुख्य आयोजन स्थल भंवरलाल पुत्र रामनारायण मोदी बगेची, जंगलेश्वर महादेव मंदिर परिसर, गोपेश्वर बस्ती, बीकानेर में स्थापित किया गया है।
कार्यक्रम का उद्घाटन डाइच बैंक के ग्लोबल डायरेक्टर और USA में स्थित विश्व सारथी ट्रस्ट के चेयरमैन पंकज ओझा, संतोषानंद सरस्वती जी महाराज, यज्ञ सम्राट पंडित योगेश बिस्सा, श्री द्वारका पच्चीसीया, डॉ. एल. के. कपिल और शिवलाल तेजी ने किया।
इस सात दिवसीय महायज्ञ एवं धार्मिक आयोजन में श्री बालाजी सेवा धाम नागौर के महामंडलेश्वर आचार्य श्री बजरंग दास जी महाराज की मधुर वाणी से श्रीमद् भागवत कथा का पाठ होगा। इसके साथ ही श्री द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री सदानंद सरस्वती जी महाराज भी 24 मार्च से 27 मार्च तक इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।
24 मार्च को संध्या 5 बजे शंकराचार्य जी महाराज का बीकानेर नगर भ्रमण आयोजित होगा, जिसमें चरण पादुका पूजन, प्रवचन एवं अन्य आध्यात्मिक कार्यक्रम शामिल होंगे।
समाज का उत्साह और सेवाएँइस अवसर पर ओम सोनगरा, सुशील कुमार यादव, प्रहलाद मार्शल, अमरनाथ भादाणी, किशनलाल मोदी, भागीरथ कुमावत, पंडित प्रकाश पारीक, चांद रतन बिस्सा, भुवनेश नागल, गोपाल भादाणी, इन्द्र सिंह हियादेसर, शांति लाल गहलोत, राजेंद्र गोदारा, विनोद सा भोजक, पंडित सिद्धार्थ पुरोहित, पंडित नवल श्रीमाली, पंडित पवन गुरु, यज्ञ उपाचार्य शिवम बिस्सा, सुरेंद्र माली, नत्थूराम कच्छावा, हनुमान गहलोत, श्याम सोनी, जय श्री भाटी और संतोष उपाध्याय सहित सनातन धर्म रक्षा मंच के सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
यज्ञाचार्य पंडित योगेश बिस्सा ने बताया कि बीकानेर की पावन धरा पर प्रथम बार हो रहे इस भव्य महायज्ञ में अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को भाग लेना चाहिए। यज्ञ में बैठने के इच्छुक श्रद्धालु कार्यालय में पंजीकरण करवा सकते हैं।
इस आयोजन के दौरान मेडिकल और एंबुलेंस सेवाओं की व्यवस्था श्रीकृष्ण सेवा संस्थान द्वारा की जाएगी।
संतोषानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म रक्षा मंच के बैनर तले आयोजित इस विशाल धार्मिक अनुष्ठान में श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर पुण्य लाभ अर्जित करना चाहिए।
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