आरसीडीएफ : गोबर से हरियाली और समृद्धि की नई पहल,
जयपुर। राजस्थान सहकारी डेयरी फेडरेशन (आरसीडीएफ) किसानों और दुग्ध उत्पादकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना लेकर आ रहा है। 50 करोड़ रुपए की लागत से बस्सी में बनासकांठा मॉडल पर आधारित कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट स्थापित किया जाएगा, जो हर दिन 1500 किलोग्राम गैस का उत्पादन करेगा।
किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
प्लांट के लिए 2,000 किसानों और दुग्ध उत्पादकों से ₹1 प्रति किलो की दर से गोबर खरीदा जाएगा। रोजाना लगभग 100 टन गोबर की खरीद, जिससे किसानों को 1 लाख रुपए अतिरिक्त आय होगी। किसानों को रियायती दर पर जैविक खाद भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा।
हरित ऊर्जा की दिशा में नया कदम
प्लांट से उत्पादित गैस का उपयोग वाहनों में ईंधन के रूप में किया जाएगा। मुख्य सड़क पर सीएनजी स्टेशन स्थापित होगा, जिससे स्थानीय स्तर पर वाहनों को सीएनजी भरवाने की सुविधा मिलेगी। बॉटलिंग प्लांट भी लगाया जाएगा, जिससे सिलेंडरों में गैस भरकर अन्य स्थानों पर आपूर्ति की जा सकेगी। प्रतिदिन 15 टन जैविक खाद तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है, जो किसानों को प्राकृतिक उर्वरक के रूप में मिलेगी।
प्रदेश का पहला सहकारी बायोगैस प्लांट
अधिकारियों का दावा है कि यह प्लांट राजस्थान के सहकारी क्षेत्र का पहला ऐसा प्रोजेक्ट होगा, जो किसानों, पर्यावरण और ऊर्जा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाएगा। पशुपालन व डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि यह योजना सफल रही तो अन्य जिलों में भी इसे लागू किया जाएगा।
सीएम भजनलाल शर्मा की बड़ी पहल : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की इस योजना में अहम भूमिका रही है। उन्होंने राइजिंग राजस्थान सम्मेलन में ग्रीन और रिन्यूएबल एनर्जी पर जोर दिया था। इसी क्रम में इस वर्ष प्रदेश का पहला ग्रीन बजट पेश किया गया, जिसके तहत इस योजना को प्राथमिकता दी गई है।
दिल्ली में होगा ऐतिहासिक एमओयू : आरसीडीएफ एमडी श्रुति भारद्वाज ने बताया कि 3 मार्च को भारत मंडपम, दिल्ली में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में एमओयू किया जाएगा। इस समझौते में आरसीडीएफ, जयपुर डेयरी, एनडीडीबी और सुजूकी की साझेदारी होगी।
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