महाकुंभ का आयोजन पूरी दुनिया के लिए अभूतपूर्व अनुभव : गजेंद्र सिंह शेखावत

By Desk
On
   महाकुंभ का आयोजन पूरी दुनिया के लिए अभूतपूर्व अनुभव : गजेंद्र सिंह शेखावत

जोधपुर । केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शनिवार को जोधपुर में अपने आवास पर आम जनता से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना।

इस अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए मंत्री शेखावत ने हाल ही में संपन्न महाकुंभ को ऐतिहासिक करार दिया।

अन्य खबरें उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी को वीमन टूरिज्म मिनिस्टर ऑफ द ईयर अवॉर्ड की सौंपी ट्राफी

उन्होंने कहा, "महाकुंभ का आयोजन पूरी दुनिया के लिए एक अभूतपूर्व अनुभव था। करोड़ों श्रद्धालुओं ने इस धार्मिक आयोजन में भाग लिया, जिससे इसका महत्व और बढ़ गया। आयोजन से पहले हमने कहा था कि इस बार का महाकुंभ भव्य और अलौकिक होगा और यह सच साबित हुआ। 45 दिनों तक चले इस आयोजन में 67 करोड़ लोग एक साथ जुटे और यह भारतीय एकता और अखंडता का प्रतीक बना। इस आयोजन ने 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का संदेश भी दिया है। महाकुंभ ने देश की विविधता को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया। इसके माध्यम से दुनिया को भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता का दर्शन हुआ।"

अन्य खबरें  राठौड़ ने झोटवाड़ा की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के दिए निर्देश

राजस्थान की जोजरी नदी में प्रदूषित पानी को लेकर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह चिंता का विषय है। उस समय जल शक्ति मंत्री के रूप में मैंने राज्य सरकार से बात की थी और केंद्र सरकार ने 40% राज्य और 60% केंद्र सरकार के योगदान वाली परियोजना को मंजूरी दी थी। मैं राजस्थान सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं, क्योंकि उन्होंने अपने बजट में 176 करोड़ रुपये की परियोजना की घोषणा की है और इसमें केंद्र सरकार के साथ-साथ राजस्थान सरकार भी अपना योगदान देगी। मुझे पूरा विश्वास है कि हम इस समस्या का स्थायी समाधान निकाल पाएंगे।

अन्य खबरें  विदेशों में करोड़ों की हेराफेरी पर राजस्थान सहित चार राज्यों में रेड

राजस्थान विधानसभा सत्र के दौरान जारी गतिरोध पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में मर्यादाओं का पालन करना सभी का कर्तव्य है। राजस्थान के परिप्रेक्ष्य में विपक्ष के पास जब भी कोई ठोस मुद्दा नहीं बचता, तो वे इस तरह की बेबुनियादी टिप्पणियां करते हैं। वह विधायी कार्यों में गतिरोध पैदा करने का प्रयास करते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश की जनता अपने जनप्रतिनिधियों को विकास के मुद्दों पर चर्चा करने और उनकी समस्याओं को सदन के पटल पर उठाने की उम्मीदों के साथ भेजती है। लेकिन, जब विधानसभा में विकास के मुद्दों की बजाय इस तरह की बयानबाजी होती है, तो इसका सीधा प्रभाव मतदाताओं पर पड़ता है।

Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

Latest News