रिटायरमेंट से पहले तत्कालीन सचिव नितेंद्रपाल सिंह सस्पेंड
उदयपुर | उदयपुर नगर विकास प्रन्यास (UIT), जो अब उदयपुर विकास प्राधिकरण (UDA) के नाम से जाना जाता है, में 530 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता के मामले में तत्कालीन सचिव नितेंद्रपाल सिंह को निलंबित कर दिया गया है। राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग ने यह कार्रवाई 26 फरवरी 2025 को आदेश जारी कर की। बताया गया है कि नितेंद्रपाल सिंह का हालही रिटायरमेंट भी है।
निलंबन का कारण और मुख्यालय स्थानांतरण
कार्मिक विभाग के शासन उप सचिव मुकेश कुमार मीणा द्वारा जारी आदेश के अनुसार, नितेंद्रपाल सिंह के खिलाफ राजस्थान सिविल सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के नियम 16 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई विचाराधीन है। निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय शासन सचिव, कार्मिक विभाग, जयपुर में रहेगा।
क्या है पूरा मामला?
2022 से 2024 तक हुए ऑडिट, तथ्यात्मक जांच और मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर यह बड़ा घोटाला उजागर हुआ। रिपोर्ट्स में सामने आया कि यूआईटी ने नियमों को दरकिनार कर कई योजनाओं को मंजूरी दी, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। इस घोटाले में शामिल अन्य अधिकारियों और कर्मियों की भी जांच की जा रही है।
सरकार का कड़ा रुख
राज्य सरकार ने वित्तीय अनियमितताओं को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए यह कार्रवाई की है। सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में आगे और भी बड़े नामों के उजागर होने की संभावना है। इसके अलावा, घोटाले की संपूर्ण जांच के लिए एक विशेष समिति भी गठित की जा सकती है।
क्या हो सकते हैं अगले कदम?
इस घोटाले में शामिल अन्य अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।
दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सरकार जल्द ही एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन कर सकती है।
इस मामले में आगे क्या होता है, यह देखने वाली बात होगी।
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