विधानसभा में गतिरोध दूर करने में काम आयी गहलोत की युक्ति !
(अत्री कुमार दाधीच )विधानसभा में पिछले सात दिनों से चले गतिरोध को समाप्त करने में किसी नेता की युक्ति काम नहीं आयी कांग्रेस में एक बार फिर साबित हो गया गया कि अशोक गहलोत का कोई सानी नहीं है मिली जानकारी के अनुसार विधानसभा में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी को लेकर अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत द्वारा की गई अमर्यादित टिप्पणी को लेकर विधान सभा में भारी हंगामा हुआ इससे नाराज़ होकर विधानसभा अध्यक्ष ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित छह विधायकों को बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया निलंबन रद्द कराने को लेकर अड़े विधायकों ने पहले विधानसभा में धरना दिया और विपक्ष नेता सहित अन्य ने प्रयास किए लेकिन गतिरोध तोड़ने की बात नहीं बन पाई विधायकों ने इतिहास में पहली बार विधानसभा के बाहर धरना दिया धरने में पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट भी
शामिल हुए और विधायकों का निलंबन रद्द को लेकर विधानसभा अध्यक्ष एवं सचेतक और संसदीय कार्य मंत्री से वार्ता की लेकिन बात नहीं बन पाई और गतिरोध बरकरार रहा इस सारे घटनाक्रम पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूरी निगाह रखते हुए अगली कार्रवाई पर ग़ौर किया जब कांग्रेस के सभी नेता इस गतिरोध को तोड़ने में नाकामयाब रहे तो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सामने आए और उन्होंने अगले दो घंटे में मुख्यमंत्री ,संसदीय कार्य मंत्री और भाजपा अध्यक्ष को साथ लेकर विधान सभा अध्यक्ष से वार्ता कि इस दौरान अध्यक्ष ने कई ऐसी बातें रखीं तो सदन में उपयुक्त नहीं थी पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने इस पर ग़ौर करने की बात कहकर अपनी बात को सदन के नेता के ज़रिये मनवाया और गतिरोध समाप्त कराया इससे एक बार फिर यह साबित हो गया कि कांग्रेस में अशोक गहलोत के बराबर आने वाला है फ़िलहाल कोई दूसरा नेता नहीं है !
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